राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती व जस्टिस डाॅ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ में बार एसोसिएशन राजगढ़ की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जोधपुर के सेशन कोर्ट में सुरक्षा के लिहाज से मेटल डिटेक्टर (डीएमएफडी) व हथियारबंद सुरक्षा प्रहरी लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। सेशन कोर्ट भवन के बरामदों में दो मेटल डिक्टेटर लगाए जाएंगे। इनसे गुजरने के बाद ही कोर्ट भवन में प्रवेश हो सकेगा। वहीं विभिन्न जिलों में न्यायालयों के भवनों के निर्माण के लिए बिल्डिंग स्टैंडर्ड बनाने के लिए कमेटी गठन पर अब शुक्रवार को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन राजगढ़ की ओर से अधिवक्ता विकास बिरजानिया द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से पेश हुए एएजी करणसिंह राजपुरोहित ने कोर्ट को बताया कि जोधपुर सेशन कोर्ट के लिए मॉडल तैयार किया जा रहा है। इसके तहत कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए पब्लिक पार्क, तहसील कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय व बलदेवराम मिर्धा सर्किल की ओर चार रास्ते हैं। चारों रास्तों पर तीन या चार-चार हथियारबंद जवान तैनात किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सेशन कोर्ट भवन के अंदर बरामदों में भी दो मेटल डिटेक्टर (डीएमएफडी) लगाए जाएंगे। सेशन कोर्ट भवन के बरामदे आदि को भी रेलिंग लगाकर कवर किया जाएगा व प्रवेश के लिए केवल एक गेट ही होगा। इस तरह सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए प्रस्ताव किया जा रहा है। अभी सेशन कोर्ट या अन्य कोर्ट रूम में प्रवेश के लिए कई रास्ते हैं।
कोर्ट ने गत 2 सितंबर को सुनवाई के दौरान विभिन्न जिलों में न्यायालयों के भवनों के निर्माण के लिए बिल्डिंग स्टैंडर्ड बनाने के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे। इस कमेटी में दो कंस्ट्रक्शन इंजीनियर, बार व जिला न्यायपालिका का एक-एक प्रतिनिधि शामिल किया जाना था। कमेटी गठन के संबंध में कोर्ट ने मौखिक रूप से पूछा। हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य मौजूद थे।
मेटल डिटेक्टर से गुजरने पर ही सेशन कोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश, रास्ता भी 1 ही
• Vijay Pareek